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संत कबीर के 7 दोहों से महत्वपूर्ण निवेश के सबक

संत कबीर के 7 दोहों से महत्वपूर्ण निवेश के सबक

बाजार में सूचकांक ४५,०००के स्तर को पार करने के साथ बहुत सारी चुनौतियां आ गयी हैं.

जब शेयर बाजार अनिश्चित होते हैं या अपने चरम सीमा पर होते हैं तो आपको पहले से कहीं अधिक एक अच्छे वित्तीय सलाहकार की आवश्यकता होती है। साथही, ऐसे समय सलाहकारों के लिए भी बहुत चुनौती पूर्ण होते हैं।

आपका वित्तीय सलाहकार सिर्फ आपका निवेश प्रबंधक नहीं है, जो कि एक लोकप्रिय धारणा है और अनेक सलाहकार / वितरक भी ऐसा ही मानते हैं। वास्तव में, मेरा मानना है कि,एक सलाहकार की भूमिका सिर्फ अपने ग्राहक के पैसे और निवेश का प्रबंधन करना नहीं है, बल्कि निवेशक की भावनाओं को प्रबंधित करना भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक है।। वर्षों से कई विशेषज्ञों ने (ख़ास कर के पश्चिम के) इसे लोगों को समझा ने की कोशिश कीहै।

भारत बुद्धि जीवियों और प्रसिद्धआध्यात्मिक लोगों का देश है। हम अपने संतों और उन की शिक्षा ओं से बहुत कुछ सीख सकते हैं। संत कबीर और रहीम दो ऐसे महान व्यक्तित्व हैं जिन्हें हर भारतीय जानता है। संत कबीर द्वारा लिखित दोहे जीवन के बहुत महत्व पूर्ण पाठों से भरेहैं। इतना ही नहीं, संत कबीर के दोहों ने मुझे महत्वपूर्ण और विश्वप्रसिद्ध वित्तीय पाठों का भारतीयकरण करने में भी मदद की है। मैंने इन पाठों को दोहानॉमिक्स (Dohanomics) के तहत संकलित कियाहै, जो संत कबीर और रहीम द्वारा रचित चालीस रत्नों का संग्रह है।

हालांकि दोहानॉमिक्स निवेशकों के लिए लिखा गया है, यह एक निवेशक के जीवन में सलाहकार की भूमिका पर भी जोर देता है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

संत कबीर कहते हैं:

१. “साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय।सार-सार को गहि रहे, थोथा देई उडाय”।।

सीख: अपने पोर्टफोलियो को सार्थक बनाएं

जब बाजार तेजी में होता है, यानी जब हर अगला व्यक्ति अति-आशावादी होता है, तो एक औसत निवेशक अक्सर लालच या गलत सलाह का शिकार हो जाता है । बाजार में नुकसान होने के बाद, लोगों को एहसास होता है कि उन्होंने कई स्टॉक या इंस्ट्रूमेंट जमा कर लिए हैं जो किसी काम के नहीं हैं और वह जब तक उन स्टॉक्स को बेचने का विचार करते हैं तब तक बाजार में भी काफी गिरावट आ जाती है।

ऐसे में उन्हें एक अच्छे सलाहकार की आवश्यकता होती है जो उनके पोर्टफोलियो की समीक्षा कर सके और इसे उनकी जरूरतों के आधार पर अच्छे निवेश में परिवर्तित कर दे।

भेड़ चाल में किए गए बुरे निवेश से छुटकारा पाने के लिए एक भरोसेमंद, जानकार और सक्षम सलाहकार का होना बहुत जरूरी है। क्योंकि हर कोई निवेश विशेषज्ञ नहीं है।


२. “धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आये फल होय”II

सीख: धैर्य सफलताकी कुंजी है

यह सफल निवेश के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। जब कोई शेयर बाजार या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करता है, तो उनका निवेश क्षितिज दीर्घकालिक होना चाहिए। एक बार में एक पौधे पर बहुत सारा पानी डालने से आप तुरंत फल की उम्मीद नहीं कर सकते हैं, और यह पौधे के लिए हानिकारक भी हो सकता हैI वह केवल अपने मौसम में फल देगाI उस समय तक आपको इसे नियमित रूप से पानी, खाद, आदि देना होगा। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट (SIP) रिटेल निवेशकों के लिए इन्वेस्टमेंट का एक बहुत अच्छा तरीका है। यह न केवल नियमित निवेश की आदत को बढ़ाता है, बल्कि यह एक निवेशक को अधिक अनुशासित बनाता है।


३.“मााँगन मरण समान है, मत मांगो नहीं भीख।मााँगन से तो मरना भला, यह सतगुरु की सीख”II

सीख: सेवानिवृत्ति के लिए योजना

भारतीयों के बीच सबसे ज्यादा नजरअंदाज करने वाली वित्तीय लक्ष्य सेवानिवृत्ति है। लोगों को इस बात का एहसास ही नहीं है कि इसे कितना महत्व दिया जाना चाहिए। आज उनके आस-पास देखने वाले ज्यादातर बूढ़े लोग पेंशनर हैं और अपने बच्चों पर भी निर्भर नहीं हैं। यह परिस्थिति आगे नहीं होगी।

आज कई लोगों को ५० वर्ष की उम्र के आसपास रिटायर होने के लिए मजबूर किया जाता है. दूसरी बात,चिकित्सा खर्चों में मुद्रास्फीति बहुत अधिक है, इसलिए, दूसरों पर निर्भरता से बचने के लिए सेवानिवृत्ति की योजना बनाना उचित है। जैसा कि कबीरजी कहते हैं, “दूसरों पर निर्भर रहना मरने के बराबर है; शारीरिक रूप से नहीं तो मानसिक रूप से ही सही। इसीलिए सिप (SIP) इन्वेस्टमेंट हम सबके लिए बहुत ज़रूरी हैं। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए, आप सिर्फ ₹500 प्रति माह में निवेश शुरू कर सकते हैं।


. “साधु ऐसा चाहिए, जाका पूरा मंग।

विपती पडे छाडै नहीं, चढे चौगुना रंग”।।

 सीख: सही सलाहकार का चुनाव

निवेशक को किस तरह के सलाहकार की आवश्यकता होती है? एक ऐसा व्यक्ति जो कठिन भावनात्मक और वित्तीय स्थितियों के दौरान निवेशक का हाथ थामे रहे और जो उन्हें उचित मार्गदर्शन दे सके । इसके अलावा, एक वित्तीय सलाहकार को कठिन समय के दौरान निवेशक के साथ अधिक व्यस्त रहना चाहिए। बुरे दिनों के दौरान सलाहकार के प्रयास सामान्य दिनों की तुलना में चार गुना अधिक होने चाहिए।


५. “साधु आवत देख कर, हंसी हमारी देह Iमाथा का ग्रह उतरा, नैनन बढ़ा सनेह”II

सीख: सलाहकार – मित्र, दार्शनिक, और मार्गदर्शक

एक सलाहकार भरोसेमंद होना चाहिए। एक सफल वित्तीय सलाहकार अक्सर अपने ग्राहकों के लिए एक साउंडिंग बोर्ड बन जाता है। एक सलाहकार एक अच्छा कोच, एक मार्गदर्शक और एक सम्वेदनशील व्यक्ति होता है.  यह माना जाता है कि एक अच्छा सलाहकार एक वित्तीय चिकित्सक की तरह है। वास्तव में,एक अच्छा सलाहकार एक वित्तीय चिकित्सक की तुलना में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि वह अधिक से अधिक समय अपने निवेशकों को जानने में और उनके लिए अच्छे उपाय ढूँढने में लगा रहता है।


६. “चाह मिटी चिंता मिटी,मनवा बेपरवाहIजिसको कुछ नहीं चाहिए,वह असली शहंशाह”II

सीख: वित्तीय स्वतंत्रता को हासिल करने से आप एक सार्थक जीवन जी सकते हैं

हर व्यक्ति का निवेश करने का लक्ष्य वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना होना चाहिए । यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक सामान्य व्यक्ति वास्तविक में अपने जीवन का राजा बन सकता हैं। जब कोई अपने जीवन के सभी लक्ष्य हासिल कर लेता हैं, तब उसे किसी तरह का वित्त दबाव नहीं होता। ऐसा व्यक्ति अपना जीवन उसी तरह जीता है जिस तरह से वह जीना चाहता है।

आज के युग में ऐसा व्यक्ति ही सच्चे मायने में राजा हैं। जीवन के लक्ष्यों पर ध्यान देना और इसके हर हिस्से का आनंद लेना हमेशा बेहतर होता है। जो लोग अपने निवेश की सही योजना बनाते हैं और क्रियान्वित करते हैं, वे वास्तव में अपने जीवन के राजा बन जाते हैं।


७. “काल करे सो आज कर, आज करे सो अब Iपल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब”II

सीख: देर ही दुर्घटना है

जब स्वास्थ्य और धन पर विचार करने की बात आती है, तो लोग इसे कल पर टाल देते हैं,जो बहुत बार कभी नहीं आता है। संत कबीर का कहना है कि कल खत्म होने वाले काम आज और आज के काम अभी किये जाने चाहिए क्योंकि कोई नहीं जानता कि उनकी मृत्यु कब होगी।

यह निवेश के लिए भी बहुत प्रासंगिक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सके, अपने वित्तीय सलाहकार को खोजने में और देरी न करें और उसकी मदद से तुरंत ही एक फाइनेंशियल प्लान (वित्तीय योजना) बनाएं और उसे लागू करें।लोग कहते हैं कि दुर्घटना से देर भली लेकिन यहाँ देर ही दुर्घटना है।

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