फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर बढ़ाएं कदम
फाइनेंशियल फ्रीडम (वित्तीय स्वतंत्रता) से आशय ऐसी स्थिति से है जब हमें पैसों के लिए काम करने की आवश्यकता नहीं रह जाए अर्थात हमारे द्वारा अर्जित संपत्ति से हमें इतना पैसा मिलता रहे कि जीवनभर हम अपनी एवं अपने परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। इस युग में कम से कम रिटायरमेंट तक तो फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल करना आवश्यक है, जिससे हम अपने बुढ़ापे में किसी पर निर्भर न रहें।
स्वतंत्रता के लिए सुदृढ़ योजना, अनुशान, अथक प्रयास, बलिदान एवं त्याग की आवश्यकता होती है। परंतु यदि हम वित्तीय मामलों की बात करें तो हमारे पास कोई सुदृढ़ योजना एवं अनुशासन नहीं है। हम महज टैक्स बचत एवं निवेश करके ही खुश हैं। जबकि हम सभी जानते हैं कि बिना योजना के किसी भी कार्य में सफलता पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। अतः हमें फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए भी योजना (फाइनेंशियल प्लानिंग) बनाकर प्रयास करने होंगे।
कैसे हासिल करें फाइनेंशियल फ्रीडम?
फाइनेंशियल फ्रीडम सही रूप से फाइनेंशियल प्लानिंग करके ही हासिल की जा सकती है। जिसके लिए हमें निम्न कदम उठाना होंगे-
लक्ष्यों को निर्धारित करें: हर व्यक्ति के जीवन में अपने विभिन्न लक्ष्य होते हैं जैसे बच्चों की पढ़ाई-शादी, कार खरीदना, मकान खरीदना, रिटायरमेंट आदि। हमें इन लक्ष्यों का सही आकलन कर इनकी सूची बना लेना चाहिए एवं यह निर्धारित कर लेना चाहिए कि इन लक्ष्यों के लिए वित्तीय आवश्यकता संभवतः किस वर्ष में होगी। साथ ही हमें महंगाई दर को ध्यान में रखकर भविष्य में लगने वाली राशि का निर्धारण भी कर लेना चाहिए।
लोन के भार को कम करें: हमें अपने वर्तमान लोन को रिव्यू करके यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि हमारे सभी लोन इसी श्रेणी के हैं, जिससे हमारे नेटवथ में वृद्धि हो सके एवं यदि हमारे लोन हमारी नेटवथ बढ़ाने में सहायक नहीं हैं तो हमें तुरंत इन्हें चुकाने की योजना बना लेना चाहिए। साथ ही हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि किस प्रकार हम ब्याज के भार को भी कम कर सकते हैं।
बचत करें: हमें अपने सभी लक्ष्यों के लिए बचत योजना बनाकर बचत करना चाहिए।
बचत का सही साधनों में निवेश करें: हमें यह समझना आवश्यक है कि अधिक रिटर्न वाले निवेश साधनों में रिस्क भी अधिक होती है। अतः हमें अपनी जोखिम क्षमता को ध्यान में रखकर निवेश करना चाहिए। साथ ही निवेश इस प्रकार से होना चाहिए कि जरूरत पड़ने पर कम से कम खर्च में उसे भुनाया जा सके एवं रिटर्न महंगाई दर को मात देने में भी सक्षम हो।
अनिश्चितताओं के लिए योजना बनाएं : हमारा जीवन अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है। इस अनिश्चितताओं के लिए हमारे पास निम्न दो उपाय हैं-
(1) पर्याप्त इंश्योरेंस कवर लें: इंश्योरेंस रिस्क को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया है, जिसके तहत हम अपनी वित्तीय रिस्क को इंश्योरेंस कंपनी को प्रीमियम चुकाकर ट्रांसफर कर भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। बात चाहे लाइफ इंश्योरेंस की हो या हेल्थ इंश्योरेंस की, हममें से अधिकांश व्यक्तियों ने ये इंश्योरेंस तो ले रखे हैं पर इनके कवर पर्याप्त नहीं हैं। इसका मुख्य कारण है कि हम इंश्योरेंस में भी रिटर्न तलाशते हैं और रिस्क को अंडर एस्टीमेंट करते हैं। अतः आवश्यकता है हमें टर्म प्लान के जरिए पर्याप्त लाइफ इंश्योरेंस एवं बढ़ती हुई मेडिकल कास्ट को ध्यान में रखकर पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस लेने की।
(2) इमरजेंसी फंड तैयार करें: इमरजेंसी फंड अनिश्चित घटनाओं के दौरान उत्पन्ना वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ ही वित्तीय कमी से उत्पन्ना होने वाली मानसिक प्रताड़ना से भी हमें बचाता है। हमें कम से कम 4 से 6 माह के मासिक खर्च, लोन ईएमआई इंश्योरेंस पॉलिसियों की सालाना प्रीमियम के योग के बराबर इमरजेंसी फंड तैयार कर लेना चाहिए।
एस्टेट प्लॉनिंग भी करें
एस्टेट प्लॉनिंग में किसी भी अनहोनी होने की दशा में व्यक्ति विशेष की संपत्ति उसके प्रियजनों को उसकी इच्छानुसार कम से कम न्यायिक प्रक्रिया, विवाद एवं खर्चों के टैक्स इफेक्टिव तरीके से मिल सके ,इसका प्रबंध किया जाता है। साथ ही शारीरिक एवं मानसिक अक्षमता की स्थिति में प्रियजनों द्वारा पारिवारिक हित में संपत्ति का सही उपयोग किया जा सके।
यदि आप भी अपने सीमित वित्तीय साधनों में जल्द से जल्द फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल करना चाहते हैं तो अपनी फाइनेंशियल प्लॉनिंग जरूर करें। फाइनेंशियल प्लॉनिंग करने में आप स्वयं सक्षम नहीं हैं तो सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लॉनर से संपर्क करें।