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सावधान! इन्शुरन्स के नाम पर कहीं आप ठगे तो नहीं जा रहे हैं?

सावधान! इन्शुरन्स के नाम पर कहीं आप ठगे तो नहीं जा रहे हैं?

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यदि आप अपनी व्यस्तता के कारण टैक्स बचत के लिए अभी तक निवेश नहीं कर पाए हैं और ऐसे में किसी व्यक्ति का फोन आपके पास आए और आपको यह भरोसा दिलाए कि अमुक कंपनी के प्लान में आपका निवेश सुरक्षित रहेगा, आपको टैक्स बचत के साथ बैंक एफडी से अधिक ब्याज मिलेगा, अर्जित ब्याज पर भी कोई टैक्स अदा नहीं करना होगा तथा पैसा निकालने के बाद भी आजीवन बीमा कवर मिलता रहेगा। तो ऐसे में आपको यह एक सुनहरा अवसर लगेगा, परंतु सावधान रहें! कहीं आप उसकी बातों में आकर ठगे तो नहीं जा रहे?

आजकल कई लोगों को इस तरह के फोन कॉल प्राप्त हो रहे हैं जिसमें व्यक्ति अपने आपको नामी इंश्योरेंस कं. या बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) का ऑफिसर बताकर नामी कंपनियों के प्लानों के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर, रिटर्न एवं अन्य फायदे बताकर अपने जाल में फाँस रहे हैं। उदाहरण के तौर पर इस तरह की ठगी का एक केस हम आपके लिए नाम बदलकर प्रस्तुत कर रहे हैं-

‘शर्माजी नमस्कार! मैं, अमित अमुक इंश्योरेंस कं. के दिल्ली कार्यालय से बात कर रहा हूँ। हमारी कं. ने एक प्लान लांच किया है जिसमें आपको पाँच वर्षों तक प्रतिवर्ष 60,000 रुपए निवेश करना है और पाँच वर्षों बाद आप संपूर्ण राशि की निकासी कर सकेंगे। इसमें टैक्स बचत के साथ आपको आजीवन 2,20,000 रुपए का बीमा कवर, दुर्घटना की स्थिति में 4,40,000 रुपए का बीमा कवर एवं अपंगता की स्थिति में 2,20,000 रुपए का बीमा कवर भी प्राप्त होगा। इस प्लान में आपको बैंक एफडी, पीपीएफ से भी अधिक रिटर्न प्राप्त होगा।

पिछले साल इस प्लान में 13 प्रतिशत का रिटर्न रहा है एवं पिछले कई वर्षों में इसमें रिटर्न 25 प्रतिशत का भी रहा है, लेकिन आप 10 प्रतिशत का रिटर्न तो इस प्लान में मान ही सकते हैं। इस प्लान से प्राप्त आय पर आपको कोई टैक्स भी अदा नहीं करना पड़ेगा।

इस प्लान की एक और खासियत यह है कि आपका पैसा शेयर बाजार में नहीं लगाया जाएगा, जिससे कि आपका निवेश सुरक्षित रहेगा और किसी प्रकार की जोखिम भी नहीं रहेगी एवं इस प्लान में आपके पैसे में से कोई राशि प्रीमियम एलोकेशन अथवा अन्य खर्चों के लिए भी नहीं काटी जाएगी। साथ ही ये सारी बातें आपको लिखित में पॉलिसी लेने के उपरांत दे दी जाएँगी।’

इसके कुछ देर पश्चात एक अन्य व्यक्ति का फोन प्राप्त होता है, जो अपने आपको उसी कं. का वेरीफिकेशन अधिकारी बताता है और कहता है- ‘शर्माजी नमस्कार! मैं अमुक कं. के वेरीफिकेशन डिपार्टमेंट से बात कर रहा हूँ। आपको हमारी कं. के मि. अमित ने प्लान के बारे में जो भी जानकारी दी है, उसे हम वेरीफाय करना चाहते हैं।’

शर्माजी ने अमित द्वारा बताए गए प्लान के सारे फीचर्स वेरीफिकेशन अधिकारी को बता दिए। उसके उपरांत अधिकारी ने उस प्लान के फीचर्स को सत्यापित करते हुए कहा कि पिछले साल इस पॉलिसी में अमित द्वारा बताए गए 13 प्रतिशत रिटर्न के स्थान पर 12.89 प्रतिशत रिटर्न रहा है। साथ ही आगाह किया कि वे चेक अमुक कं. के नाम पर ही जारी करें एवं चेक के पीछे स्वयं का नाम, पता एवं फोन नं. अवश्य लिखें जिससे आपका पैसा सही जगह पर निवेश हो सके।

केस की वास्तविकता :

इस केस की वास्तविकता यह है कि * उक्त दोनों फोन किसी इंश्योरेंस कं. के कार्यालय से नहीं थे बल्कि इंश्योरेंस बेचने वाले टेली मार्केटिंग एजेंट के द्वारा किए गए थे।

  • इस प्लान में रिटर्न निश्चित नहीं है एवं रिटर्न अमुक बीमा कं. के लाभ पर निर्भर रहेगा जो कि कं. द्वारा प्रतिवर्ष बोनस के रूप में घोषित किया जाएगा।
  • आईआरडीए द्वारा पॉलिसी के खर्चे एवं केश फ्लो समझने के लिए 6 प्रतिशत व 10 प्रतिशत रिटर्न के जो इलेस्ट्रेशन के मानक तैयार किए हैं, उस अनुसार उक्त पॉलिसी में पाँच वर्षों तक कुल 2,80,405 रुपए अदा करने पर बीमा कं. के 6 प्रतिशत लाभ के हिसाब से 2,42,000 रुपए ही वापस मिलेंगे एवं 10 प्रतिशत के हिसाब से 2,65,500 रुपए ही वापस मिलेंगे, जो कि दोनों ही रकम कुल अदा की गई राशि से भी कम है।
  • साथ ही टर्म पूरा होने के बाद में 2,20,00 रुपए का बीमा कवर आजीवन जारी रहेगा।

उपरोक्त केस के अतिरिक्त टेली मार्केटिंग कं. निम्न प्रलोभन भी देते हैं-

1. अमुक कं. ने लकी ड्रॉ द्वारा आपका चयन किया है एवं आपको किसी निर्धारित समय एवं स्थान पर बुलाकर गिफ्ट देने का प्रलोभन दिया जाता है और अंततः आपको झाँसे में लेकर पॉलिसी बेचने का प्रयास किया जाता है।

2. कई बार यह भी कहा जाता है कि हमारी कंपनी ने एक विशेष प्लान देने के लिए आपका चयन किया है, जिसके तहत बहुत से फायदे बताए जाते हैं और कहा जाता है कि इन फायदों का लाभ लेने के लिए आपको आज ही निवेश करना होगा। ऐसा बताकर आपको उस ही दिन निर्णय लेने पर मजबूर किया जाता है। उक्त कृत्य टेली मार्केटिंग एजेंट अपने आपको न सिर्फ अमुक इंश्योरेंस कं. का अधिकारी बल्कि कई बार तो यह अपने आपको आईआरडीए का अधिकारी बताने से भी नहीं चूक रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि गत दिनों में आईआरडीए को भी इस कृत्य के संबंध में निवेशकों से कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके उपरांत आईआरडीए ने अपने सरक्यूलर क्रं. सीएडी/1/10-11 दि. 21 जनवरी 2011 द्वारा सभी इंश्योरेंस कं. को इस कृत्य के बारे में आगाह करते हुए ठगी करने वाले लोगों का पता लगाकर उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, परंतु आप भी जानते हैं कि इंश्योरेंस कं. को इन ठगी करने वाले लोगों का पता लगाना एवं भविष्य में इस तरह के कृत्य पर लगाम लगाना बहुत ही कठिन कार्य है।

निम्न सावधानियों से बच सकते हैं ठगी से

  • किसी की भी सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा न करें।
  • जिस प्लान के बारे में भी आपको बताया जा रहा है, उसका नाम अवश्य नोट कर लें।
  • संबंधित प्लान का कंपनी की वेबसाइट पर जाकर अच्छी तरह से अध्ययन कर लें।
  • कोई बात समझ न आने पर वेबसाइट पर दिए कंपनी के टोल-फ्री नं. पर संपर्क करें।
  • इसके बाद भी कोई बातें अनसुलझी रह जाती हैं तो आप सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (आपका वित्तीय डॉक्टर) से भी सलाह ले सकते हैं।
  • फार्म भरते समय यह सुनिश्चित कर लें कि जिस प्लान का आपने चयन किया है उसी प्लान के लिए आवेदन किया जा रहा है।
  • पॉलिसी प्राप्त होने पर जो फीचर आपने समझे थे उनकी जाँच तुरंत कर लें क्योंकि आपके पास पॉलिसी प्राप्त होने से 15 दिवस के अंदर बिना किसी खर्चे के पॉलिसी बंद करने का विकल्प होता है। इसे ‘फ्री लुक पीरियड’ भी कहा जाता है। ध्यान रहे फ्री लुक पीरियड निकलने के बाद आपके पास इस तरह की ठगी से बचने का कोई भी विकल्प नहीं रह जाएगा।
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