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वसीयत के साथ वित्तीय जानकारी देना जरूरी

वसीयत के साथ वित्तीय जानकारी देना जरूरी

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अपने वित्तीय व्यवहार की जानकारी एक विश्वसनीय व्यक्ति को अवश्य दें।

नॉमिनेशन, वसीयत एवं पावर ऑफ अटॉर्नी के महत्व तो आप जानते होंगे। परंतु क्या महज नॉमिनेशन कर दिए जाने एवं वसीयत लिख दिए जाने से हमारी मृत्यु उपरांत हमारी संपत्ति इच्छानुसार हमारे परिवारजन को मिल सकेगी। वास्तव में इसके लिए यह आवश्यक है कि हमारे संपत्ति/वित्तीय व्यवहार की जानकारी हमारे परिवार के सदस्यों को हो।

Preparing Willहाल ही में राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में वित्तमंत्री ने यह खुलासा किया कि विभिन्न बैंकों के पास 31 दिसंबर 2010 को 10 वर्षों से अधिक समय से 1723.24 करोड़ रुपए की अनक्लेम्ड राशि पड़ी है। यह आंक़डा तो महज बैंकों का है, इसके अलावा भी आज विभिन्न वित्त संस्थानों में हजारों करोड़ की राशि अनक्लेम्ड पड़ी है। इतनी बड़ी अनक्लेम्ड राशि का मुख्य कारण व्यक्ति की मृत्यु उपरांत परिवार के सदस्यों को व्यक्ति की संपत्ति की जानकारी नहीं होना है। जरा सोचिए, जीवनभर कड़ी मेहनत के बाद व्यक्ति पूंजी जमा करता है और महज जानकारी के अभाव में व्यक्ति की मृत्यु उपरांत उसकी जमा पूंजी उसके परिवार के काम नहीं आ पाती, जबकि ऐसी परिस्थिति में परिवार को इस जमा पूंजी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।

ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपने निम्न व्यवहारों की जानकारी कम से कम एक विश्वसनीय व्यक्ति को अवश्य दें :

वसीयत – यदि आपने वसीयत निष्पादित कर रखी है तो यह बताकर रखें कि वसीयत की असल कहाँ रखी गई है।

पावर ऑफ अटॉर्नी- यदि कोई पावर ऑफ अटॉर्नी निष्पादित की हुई है तो वह किन कार्यों के लिए की गई है, किसके पक्ष में की गई है एवं उसकी कॉपी कहाँ रखी गई है।

जीवन बीमा पॉलिसी- संपूर्ण जीवन बीमा पॉलिसी, दुर्घटना बीमा पॉलिसी आदि की असल, नॉमिनी का नाम, क्लेम प्रक्रिया, क्लेम के समय लगने वाले दस्तावेज जैसे आयु का प्रमाण आदि, क्लेम के संबंध में संपर्क किए जाने वाले एजेंट या इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय का पता एवं फोन नं.।

अन्य बीमा लाभ- कई बार विभिन्न स्कीमों जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, लोन आदि में भी जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा लाभ प्राप्त होते हैं, ऐसे सभी बीमा लाभ का विवरण एवं दस्तावेज की जानकारी भी देना चाहिए।

चल संपत्ति- सभी चल संपत्ति जैसे बैंक अकाउंट, फिक्स डिपॉजिट, पीपीएफ अकाउंट, डिमेट अकाउंट, म्युाचुअल फंड, शेयर, बांड, कंपनी में डिपॉजिट, व्यक्तियों को दी गई राशि, सिक्यूरिटी डिपॉजिट आदि का विवरण एवं उससे संबंधित दस्तावेज की जानकारी।

दायित्व- संपूर्ण दायित्वों से संबंधित विवरण एवं उससे संबंधित दस्तावेजों की जानकारी।

कारोबार से संबंधित व्यवहार- यदि आप कारोबारी हैं तो कारोबार से संबंधित सभी व्यवहार की जानकारी कहां और कैसे प्राप्त की जा सकती है।

पासवर्ड- आज के डिजीटल युग में हम बहुत से कार्य कंप्यूहटर, इंटरनेट, ईमेल आदि के माध्यम से करते हैं, ऐसे में इनसे संबंधित पासवर्ड आदि की जानकारी भी देना चाहिए, लेकिन यदि आप अपने जीवनकाल में इसे गोपनीय रखना चाहते हैं तो एक नियत स्थान पर उसकी जानकारी कोडवर्ड में लिखकर रख सकते हैं एवं स्थान व कोडवर्ड की जानकारी अपने विश्वसनीय व्यक्ति को दे सकते हैं, साथ ही उनसे आग्रह कर सकते हैं कि केवल इमरजेंसी में दी वह इन जानकारी को देखें।

अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज- जैसे पैनकार्ड, टैक्स रिटर्न, पासपोर्ट, गाड़ी संबंधित दस्तावेज, लाइसेंस, जन्म प्रमाण-पत्र, वोटर आईडी आदि।

उपरोक्त सभी दस्तावेज एवं जानकारी एक फाइल में भी संपूर्ण विवरण के साथ रखी जाना चाहिए, साथ ही समय-समय पर उसे अपडेट करते रहना चाहिए। अपडेट किए जाने की दिनांक आवश्यक रूप से फाइल पर लिख दी जाना चाहिए।

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